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बीकानेर में अब करीब 79 विधायक चुने गए लेकिन निर्दलीय के नाम पर संख्या दहाई में भी नहीं पहुंचा। एक मात्र नोखा ही अनोखी सीट है जिसने अब तक पांच निर्दलीय विधायक दिए । राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 में बीकानेर की अनोखा और लूणकरणसर विधानसभा सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार भारी मन जा रहे हैं। और बीकानेर की चार सीटें तो ऐसी हैं जिसने बड़े दलों के अलावा और किसी को तवज्जो नहीं दी।
नोखा विधानसभा
ज्यादा तर नोखा विधानसभा सीट से ही जीते। बड़े उलटफेर करने में नोखा माहिर है। इसलिए नोखा को अनोखा भी कहा जाता है। 1951 से लेकर 1967 तक लगातार चार बार और 2008 में नोखा ने कांग्रेस और प्रजा सोशलिस्ट जैसी पार्टियों को नकारते हुए निर्दलीय को ही जिताया। 1951 में कानसिंह निर्दलीय चुनाव जीते। 1957 में रूपाराम निर्दलीय जीते। इनके कामों से जनता इतनी खुश हुई कि 1962 के चुनाव में भी वापस रूपाराम को ही निर्दलीय विधानसभा भेजा ।1967 में चुन्नीलाल को नोखा से विधायक निर्दलीय चुना गया। 41 साल तक नोखा में फिर दलों को चुना लेकिन 2008 में फिर से निर्दलीय कन्हैयालाल झंवर को चुनाव जिताया। ये वही नोखा है जिसने कद्दावर जाट नेता और सांसद रह चुके रामेश्वर डूडी को चुनाव हरा दिया। इस सीट पर भाजपा अब तक सिर्फ दो बार ही चुनाव जीती। 2003 में गोविंदराम मेघवाल विधायक चुने गए और 2018 में बिहारीलाल बिश्नोई। पर इस बार बताया जा रहा है की नोखा से निर्दलीय उम्मीदवार कन्हैया लाल झांवर दोनो ही पार्टी को बड़ी टकर देंगे और निर्दलीय होके भी मजबूत माने जा रहे हैं।
लूणकरणसर विधानसभा से पहली बार निर्दलीय प्रत्याशी मानिकचंद सुराना चुनाव जीते। पर इस बार राजस्थान सरकार में पूर्व गृहमंत्री निर्दलीय प्रत्याशी वीरेंद्र बेनीवाल जो कांग्रेस से नाराज होके मैदान में आए है। उसी और निर्दलीय प्रत्याशी प्रभु दयाल सारस्वत भी भाजपा से नाराज होके मैदान में। आए है। और माना जा रहा है इन दोनो निर्दलीय प्रत्याशियों की स्थिति क्षेत्र में मजबूत नजर आ रही है। साथी ही लूणकरणसर विधानसभा से भाजपा के उम्मीदवार और मौजूदा विधायक सुमित गोदारा है, और कांग्रेस से प्रदेश महासचिव राजेंद्र मुंड मुंड है।
श्रीडूंगरगढ़ सीट से 1967 में दौलतराम सहारण निर्दलीय चुनाव जीते। यानी देखा जाए पांच बार नोखा और एक-एक बार लूणकरणसर और श्रीडूंगरगढ़ विधानसभा ने निर्दलीय विधायक चुना।
बीकानेर की इन चार सीटों पर अभी तक नही जीते निर्दलीय
बीकानेर पूर्व विधानसभा, बीकानेर पश्चिम विधानसभा, श्रीकोलायत और खाजूवाला। बीकानेर की इन सीटों पर अभी तक कोई भी निर्दलीय उम्मीदवार चुनाव नहीं जीत पाया है। यहां पर हमेशा से बड़े राजनीतिक दलों के अलावा कोई जीत नहीं पाया है।