Bikaner Breaking
  • Home
  • Bikaner
  • षटतिला एकादशी 2023 पर बन रहा है अति शुभ योग – पं.अविनाश व्यास
Image

षटतिला एकादशी 2023 पर बन रहा है अति शुभ योग – पं.अविनाश व्यास

षट्तिला एकादशी पर क्या है,विशेष देखें।

सनातन धर्म में एकादशी व्रत का विशेष महत्व होता है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार हर माह कृष्ण और शुक्ल पक्ष के दौरान एकादशी का व्रत रखा जाता है। षटतिला एकादशी 2023 का व्रत सभी एकादशी व्रतों में महत्वपूर्ण माना जाता है, जो कि माघ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को पड़ता है। इस एकादशी के व्रत में भगवान विष्णु का पूजन तिल से करने का विधान है। इस व्रत में तिल का 6 रूपों में उपयोग करना बेहद फलदायी माना जाता है, इसलिए इसे षटतिला एकादशी कहते हैं।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, षटतिला एकादशी के दिन तिल का दान करने से स्वर्ग की प्राप्ति होती है और स्वर्ण दान के बराबर पुण्य फल मिलता है। बता दें कि तिल को हविष्यान्न यानी हवन/यज्ञ में इस्तेमाल होने वाला देवताओं का अन्न कहा गया है। यह सृष्टि का पहला अन्न भी है। इसलिए षटतिला एकादशी के व्रत में इसका विशेष महत्व है।

षटतिला एकादशी 2023: तिथि व मुहूर्त
षटतिला एकादशी तिथि 17 जनवरी 2023 दिन मंगलवार को शाम 06 बजकर 05 मिनट से प्रारंभ होगी, जो कि 18 जनवरी बुधवार को शाम 4 बजकर 05 मिनट पर समाप्त होगी। ऐसे में एकादशी व्रत उदयातिथि में 18 जनवरी 2023 को रखा जाएगा।
षटतिला एकादशी 2023 व्रत पारण का समय
षटतिला एकादशी व्रत के अगले दिन सूर्योदय के बाद पारण किया जाता है।

इस दिन बन रहा है ये शुभ योग
इस दिन वृद्धि योग बन रहा है। इस योग में किए गए हर शुभ कार्यों में वृद्धि ही होती है। यह योग बेहद शुभ होता है। इस योग में किए गए काम में न तो कोई रुकावट आती है और न ही कोई समस्या होती है।

वृद्धि योग : 18 जनवरी सुबह 05 बजकर 58 मिनट से 19 जनवरी सुबह 02 बजकर 45 मिनट तक।

षटतिला एकादशी के दिन तिल से 6 तरह से उपयोग किए जाते हैं। इसमें तिल के पानी से स्नान, तिल का उबटन लगाना, तिल से हवन या यज्ञ, तिल मिले पानी से सूर्य को अर्घ्य देना, तिल का भोजन करना और तिल का दान ये चीजें शामिल हैं। षटतिला एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। कुछ लोग बैकुंठ रूप में भी श्री हरि विष्णु जी को पूजते हैं।

षटतिला एकादशी 2023 पूजा विधि
षटतिला एकादशी के दिन सुबह स्नान के बाद भगवान विष्णु की पूजा करें और उन्हें पुष्प, धूप आदि अर्पित करें।
व्रत के पूजा के समय भगवान विष्णु को तिल से बनी चीजों का भोग जरूर लगाएं। ऐसा करने से भगवान विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
हवन करते वक्त तिल में देशी घी मिलाएं।
व्रत रखने के बाद रात को भगवान विष्णु की आराधना और जागरण करें।
एकादशी व्रत के दिन पूजा के समय षटतिला एकादशी व्रत कथा जरूर पढ़ें या सुनें।
इसके बाद द्वादशी के दिन सुबह उठकर स्नान के बाद भगवान विष्णु को भोग लगाएं और ब्राह्मणों को भोजन कराने के बाद खुद अन्न ग्रहण करें।

इसके अलावा एकादशी व्रत रखने वाले व्यक्ति को बैंगन और चावल नहीं खाना चाहिए।

षटतिला एकादशी 2023 के चमत्कारी महाउपाय
एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से व्यक्ति की हर मनोकामना पूरी होती है और उसे जीवन में वैभव प्राप्त होता है। षटतिला एकादशी के दिन करने वाले महाउपाय:

1. जीवन में प्रगति के लिए इस दिन स्नान के पानी में थोड़ा-सा गंगाजल और कुछ तिल के दाने मिलाकर स्नान करें। इसके बाद साफ कपड़े पहनकर भगवान विष्णु की पूजा करें। इससे उनकी कृपा हमेशा आप पर बनी रहेगी।
2. अगर आप अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत करना चाहते हैं, तो आज तुलसी के पौधे में दूध चढ़ाएं। इससे मां तुलसी की आशीर्वाद प्राप्त होगा।
अपने पार्टनर के साथ अपने रिश्ते को मजबूत करने के लिये भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा करने के बाद श्री विष्णु गायत्री मंत्र का 11 या 21 बार जाप जरूर करें। श्री विष्णु गायत्री मंत्र है- ‘ऊँ नारायणाय विद्महे वासुदेवाय धीमहि तन्नो विष्णु प्रचोदयात्।।’
3.षटतिला एकादशी के दिन श्री हरि विष्णु जी को माखन, मिश्री का भोग लगाएं और मंदिर में उनके आगे बैठकर ‘ऊँ नमो भगवते नारायणाय’ मंत्र का 108 बार जाप करें। इससे करियर में आने वाली सारी समस्याओं से छुटकारा मिल जाएगा।
4. इस दिन ब्राह्मणों को भोजन कराना बेहद फलदायी माना जाता है। इससे आपका व्यापार फलता-फूलता है। भोजन के बाद ब्राह्मणों को दक्षिणा जरूर देना चाहिए।
5. पारिवारिक जीवन में खुशहाली लाने के लिये इस दिन पीले ताजा फूलों की माला बनाकर भगवान विष्णु को चढ़ाएं। साथ ही भगवान को चंदन का तिलक लगाएं और भोग में तुलसी का प्रयोग जरूर करें। भगवान विष्णु को तुलसी अति प्रिय है।

ज्योतिषी व भगवताचार्य:- अविनाश व्यास

मो.न.-96368 61270, 8619264878

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *