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राजस्थान यूनिवर्सिटी में ये रहे परिणाम,प्रदेश के विश्वविद्यालयों में छात्र संघ चुनावो को लेकर अब सुगबुहाट शुरू हो चुकी है। प्रदेश के सबसे बड़े राजस्थान विश्वविद्यालय में छात्र, प्रशासन और छात्र नेता तैयारियों में जुट गए हैं। सत्र 2010 के बाद हुए छात्र संघ चुनावो के परिणामों पर गौर करे तो राजस्थान विश्वविद्यालय के छात्रसंघ चुनाव परिणामों को लेकर एक खास तौर का ट्रेड देखने को मिला हैं।
गत 13 वर्षों में वर्षों में हुए 11 चुनावो के परिणाम में अध्यक्ष पद पर सरकार से जुड़ी पार्टी का उम्मीदवार जीत दर्ज नहीं कर पाया हैं। ऐसे में परिणामों में अधिकतर या तो निर्दलीय उम्मीदवार ने जीत दर्ज की या फिर विपक्षी पार्टी के उम्मीदवार ने। वहीं छात्र संघ के चुनावों में अधिकतर बागी हुए कैंडिडेट ही पार्टियों की गणित बिगाड़ते हैं।
2010 से 2013 कांग्रेस सरकारप्रदेश में वर्ष 2005 से 2009 तक छात्रसंघ चुनाव पर कोर्ट की रोक रही।ऐसे में इस दौरान चुनाव नहीं हुए. इसके बाद जब छात्रसंघ चुनाव हुए तो राजस्थान विश्वविद्यालय में वर्ष 2010 से 2013 तक प्रदेश में कांग्रेस की सरकार रही। लेकिन राजस्थान विश्वविद्यालय में छात्रसंघ की सत्ता एबीवीपी के हाथ में रही।
-2010 में मनीष यादव एबीवीपी ने मुकेश भाकर को हराया
-2011 में प्रभा चौधरी निर्दलीय ने महेंद्र सिंह को हराया
-2012 में राजेश मीणा एबीवीपी ने विद्याधर मील को हराया
-2013 में कानाराम जाट एबीवीपी ने शैफाली मीणा को हराया फिर बदली सरकार, सत्ता में आई भाजपा
-2014 में अनिल चौपड़ा एनएसयूआई ने एबीवीपी के शंकर गौरा को हराया
-2015 सतवीर चौधरी एनएसयूआई ने एबीवीपी के राजकुमार बींवाल
-2016 अंकित धायल निर्दलीय ने एबीवीपी के अखिलेश पारीक को हराया
-2017 पवन यादव निर्दलीय ने एबीवीपी के संजय माचेड़ी को हराया
-2018 विनोद जाखड़ निर्दलीय ने एबीवीपी के राजपाल चौधरी को हराया
2018 में सरकार बदलकर कांग्रेस सत्ता में आयी। लेकिन केवल दो बाद ही चुनाव हो पाए।
सत्र 2020 और 2021 में कोरोना के कारण चुनाव नहीं हो पाए। 2019 के चुनावों में निर्दलीय पूजा वर्मा ने एबीवीपी के अमित कुमार को हराया। दो साल रोक के बाद 2022 में निर्दलीय उम्मीदवार निर्मल चौधरी ने एनएसयूआई की बागी निहारिका जोरवाल को हराया।