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सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की तरफ से छात्रवृत्ति प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों के लिए राहत की खबर है। विभिन्न श्रेणियों में छात्रवृत्ति लेने वाले जिले के करीब 18 हजार विद्यार्थियों को अब स्कॉलरशिप के लिए साल में एक बार ही कॉलेज में आधार बेस्ड ऑनलाइन बायोमैट्रिक उपस्थिति दर्ज करानी होगी।
पहले विद्यार्थियों को हर महीने कॉलेज जाकर बायोमैट्रिक सत्यापन कराना होता था, जिसमें कई बार सर्वर में दिक्कत होने से समय पर सत्यापन नहीं हो पाता था। कुछ स्टूडेंट्स के दस्तावेजों में कमी हो जाती थी, जिससे सत्यापन में देरी होती थी। इस कारण कई विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति अटक रही थी। ऐसे में विभाग ने व्यवस्था में बदलाव किया है। इस संबंध में सभी शैक्षणिक संस्थानों को निर्देश जारी कर दिए हैं। विभाग ने अब आधार बेस्ड ऑनलाइन बायोमैट्रिक उपस्थिति की शुरुआत की है। इसके बाद छात्रवृत्ति की आगे की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। इस व्यवस्था से विद्यार्थियों को काफी राहत मिलेगी। उनका समय बचेगा तथा छात्रवृत्ति प्रक्रिया भी सुचारू होगी। वहीं कॉलेज प्रशासन के लिए भी काम और आसान हो गया है।
^हर महीने सत्यापन की प्रक्रिया में विद्यार्थियों को परेशानी हो रही है तथा प्रक्रिया भी काफी लंबी थी। विभाग के बदलाव के बाद अब विद्यार्थियों को साल में एक बार ही आधार बेस्ड बायोमैट्रिक उपस्थिति दर्ज करानी होगी, जिससे उनको सहूलियत मिलेगी तथा विभागीय कार्रवाई भी सुचारू हो जाएगी।
-रामनिवास भुंवाल, सहायक प्रशासनिक अधिकारी, सामाजिक न्याय व अधिकारिता विभाग पहले कॉलेजों में हर महीने बायोमैट्रिक सत्यापन होता था, अब वहीं साल में सिर्फ एक बार आधार बेस्ड बायोमैट्रिक उपस्थिति दर्ज होगी। साथ ही विभागीय कार्रवाई भी जल्दी होगी। जिले में 18 हजार से अधिक स्टूडेंट्स को स्कॉलरशिप मिलती है। इसमें ईडब्लूएस, ओबीसी, एमबीसी, एसटी, एससी और अल्पसंख्यक वर्ग के स्टूडेंट्स शामिल है। अब स्टूडेंट्स को जन आधार के आधार पर डाटा भरना होगा, ताकि कोई ऑब्जेक्शन न आए।