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हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार पर से अभी संकट टला नहीं है। सूत्रों के अनुसार सरकार अभी भी खतरे में है। कांग्रेस के कई विधायक बागियों के संपर्क में हैं। गुरुवार को पर्यवेक्षकों के साथ हुई बातचीत नाकाम रही। मुख्यमंत्री बदलने पर विक्रमादित्य सिंह का कैंप और बागियों का खेमा अड़ा हुआ है।
मंत्री विक्रमादित्य सिंह गुरुवार को रात 12 बजे पंचकूला पहुंचे और बागी विधायकों से मुलाकात की। जबकि दूसरी प्रदेश कांग्रेस प्रमुख प्रतिभा सिंह ने कहा कि संकट को खत्म मान लेना जल्दबाजी होगी। दरअसल हिमाचल में कुछ दिनों से कांग्रेस में सियासी उठापटक चल रही है। यहां मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने 28 फरवरी को इस्तीफा दे दिया था और आरोप लगाया था कि कैबिनेट के मंत्रियों में समन्वय की कमी है और उन्हें मंत्री होने के बावजूद अपमानित होना पड़ा। पर विक्रमादित्य के इस्तीफे को स्वीकार नहीं किया गया।
सीएम सुक्खू ने विक्रमादित्य सिंह को अपना छोटा भाई बताया। उन्होंने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि वह हमारे जनादेश को न चुराए और हमें हमारा काम करने दे। वहीं कांग्रेस नेतृत्व ने सियासी संकट के बीच पर्यवेक्षक के रूप में डीके शिवकुमार और भूपेंद्र सिंह हुड्डा को शिमला भेजा था, जिन्होंने सभी विधायकों और सीएम से मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई, जिसमें दावा किया गया कि सरकार पांच साल चलेगी और सबकुछ ठीक है।