RASHTRADEEP NEWS
राजस्थान ललित कला अकादमी ,कला संस्कृति विभाग जयपुर की ओर से आयोजित बीकानेर के राजकीय टी टी कॉलेज में चल रहे ग्रीष्म कालीन प्रशिक्षण मथेरन कला में बच्चो ने आज मथेरी कला में बीकानेरी बादल महल की बारीकियां सीखी।
आज बच्चो को मथेरी कला के प्रशिक्षक मूलचंद महात्मा समन्वयक मोना सरदार डूडी सहायक कमल जोशी और सह संयोजक सुनील दत्त रंगा ने पुरातन शैली में चित्रित होने वाले बीकानेरी बादल को नए पटल आधुनिक सरफेस पर चित्रित करवाया मिट्टी के सकोरे टी शर्ट, मोबाइल कवर इत्यादि जो आज के परिवेश में काम आने वाली दैनिक वस्तुओं को सजावट के तौर पर इस शैली को पुनः जीवित करने की सोच से किया गया।

15 दिवसीय इस ग्रीष्म कालीन कैंप में ललित कला अकादमी के सचिव और चित्रकार डा रजनीश हर्ष ने बताया कि इस प्रकार के प्रशिक्षण कार्यक्रम राजस्थान के कई जिलों में भी चल रहे है। जिसका उद्देश्य राजस्थान की पौराणिक और लुप्त हो रही कला और कलाकारों को बढ़ावा देना है। ताकि वो कलाएं पुनः अपना पौराणिक स्वरूप बरकरार रख सके। इस प्रशिक्षण कर्यक्रम के दौरान इस लुप्त कला को अलग अलग परिवेश में बना क्रेक नवजीवन दिया जाएगा। बाजारवाद में इसको एक नए रूप में उतारा जाएगा। जिससे आम आदमी का ध्यान इस ओर आकर्षित हो और इस कला और कलाकारों को बढ़ावा मिल सके यही इसका उद्देश्य है।