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राजस्थान के 5 विधायकों के र लोकसभा चुनाव जीतने से खाली न हो रही सीटों पर उपचुनाव की तिथि 18 जून के बाद तय हो सकती है। विधायकों के सांसद चुने जाने के बाद 14 दिनों में सांसद या विधायकी में से एक से इस्तीफा ने देना होता है। अब तक 5 में से 4 ने इस्तीफे दे दिए हैं।
हालांकि अभी तय तारीख के अनुसार केवल एक का इस्तीफा मंजूर हुआ है। जानकारी के अनुसार व निर्वाचन विभाग के पास एक इस्तीफे की जानकारी विधानसभा से प्राप्त हो गई है, उसकी सूचना भारत निर्वाचन आयोग को भेज दी गई है। असल में प्रदेश के 5 विधायक लोकसभा चुनाव जीतकर सांसद बन गए हैं।
इनमें चौरासी से राजकुमार रोत का इस्तीफा मंजूर हो गया है। झुंझुनूं से बृजेंद्र ओला, देवली से हरीश मीणा और दौसा से मुरारी लाल मीणा ने भी विधानसभा स्पीकर को इस्तीफे सौंप दिए हैं। उनकी ओर से दी गई तिथि को ये इस्तीफे मंजूर कर निर्वाचन विभाग को भेज दिए जाएंगे। इसी तरह 18 जून तक खींवसर विधायक हनुमान बेनीवाल भी इस्तीफा देंगे। इस्तीफे की सूचना मिलने के बाद निर्वाचन विभाग इसकी अधिकृत जानकारी भारत निर्वाचन आयोग को भेजता है। ऐसी प्रक्रिया अंतिम दिन तक पूरी हो जाएगी। देश के प्रत्येक राज्य में जहां भी ऐसी स्थिति बनी है, उपचुनाव होने हैं, उनकी घोषणा आयोग फिर कभी भी कर सकता है।
राजस्थान की एक सहित 10 राज्यसभा सीटों पर उपचुनाव
राजस्थान की एक राज्यसभा सीट सहित देशभर में खाली हुई 10 सीटों पर उपचुनाव होने हैं। राजस्थान से राज्यसभा सांसद केसी वेणुगोपाल के केरल की अलापुझा सीट से लोकसभा सांसद चुने जाने के कारण यह एक सीट खाली हुई है। प्रदेश की एक सीट पर केंद्र में मंत्री बनाए गए केरल के ही एक मंत्री जॉर्ज कुरियन को भाजपा राज्यसभा भेज सकती है। पूर्व में भी केजे अल्फोंस केंद्र में मंत्री थे, जो केरल के थे, लेकिन राज्यसभा सांसद राजस्थान से बनाकर भेजा गया था।