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रिश्वत लेते पकड़े गए जयपुर हेरिटेज मेयर मुनेश गुर्जर के पति सुशील गुर्जर को शनिवार को एसीबी कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने उसे 2 दिन की रिमांड पर भेज दिया है। इस दौरान महापौर पति सुशील गुर्जर ने खुद पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। कहा कि कांग्रेस के एक बड़े नेता के इशारे पर मुझे फंसाने की साजिश की गई है। इससे मैं डरने वाला नहीं हूं।
सुशील गुर्जर ने कहा कि- जब से मुनेश मेयर बनी थी। तभी से सिविल लाइन से पार्षद मनोज मुद्गल (मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास का करीबी) उप महापौर बनने के चक्कर में हमारे खिलाफ प्रॉब्लम क्रिएट कर रहा था। मेरे खिलाफ मनोज मुद्गल और उसके घर पर रहने वाले सुधांशु नाम के लड़के ने साजिश रची है। जो पूरी तरह से फर्जी है।
सुशील ने कहा, मौका आने पर खुलकर बात करूंगा– मनोज मुद्रल और सुधांशु ने भी कांग्रेस के एक बड़े नेता के कहने पर मेरे खिलाफ साजिश रची है। इस नेता का नाम लोग भी जानते हैं। फिलहाल मैं अपने मुंह से उस आदमी का नाम नहीं लूंगा। मौका आने पर मैं इस बारे में भी खुलकर बात करूंगा। मेरे और मुनेश के खिलाफ लगातार षड्यंत्र रचे जा रहे हैं। हम दोनों की जान को भी खतरा है।
वैशाली नगर में मेरा प्लॉट F-203 बेचा था। इसके 49 लाख रुपए मेरे घर पर ही रखे थे। इसके दस्तावेज भी मैंने कोर्ट में पेश कर दिया है। मुझे उम्मीद है कि इस पूरे मामले पर निष्पक्ष जांच होगी और मुझे न्याय मिलेगा।
उसी ओर, जब इस पूरे मामले पर जब हमने पार्षद मनोज मुद्गल से बात की तो उन्होंने खुद पर लगे आरोपों को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि यहां पर तो उल्टा चोर कोतवाल को डांटे जैसी स्थिति पैदा हो गई है। इस पूरे मामले में में न वादी हूं, न परिवादी हूं। फिर भी बेवजह खुद की खुन्नस निकालने के लिए मेरे नाम का इस्तेमाल किया जा रहा है। जबकि मेरा इस मामले से कोई लेना-देना नहीं है।
मैं एसीबी में गया, न ही मैं किसी व्यक्ति से मिला, न ही मैंने किसी को पट्टा देने की बात की और न ही मैंने रिश्वत ली। जब रिश्वत सुशील ने ली । एसीबी ने सबूत के आधार पर उसे पकड़ा। तो फिर वह बिना बात मेरा नाम न जाने क्यों इस्तेमाल कर रहे हैं?
यह पूरी तरह से कपोल कल्पित बातें हैं। जिससे मेरा कोई लेना-देना नहीं है। चोरी तो सुशील गुर्जर खुद ने की है। मैंने उससे कोई चोरी नहीं करवाई। न ही इस तरह का गंदा काम करने की बात कही कभी। मैं तो उससे बात तक नहीं करता हूं।
यह है पूरा मामला…
बता दें कि शुक्रवार शाम ACB की टीम ने जयपुर हेरिटेज नगर निगम की महापौर मुनेश गुर्जर के घर रेड मारी थी। टीम ने पट्टा जारी करने की एवज में 2 लाख रुपए मांगे जाने पर महपोर के पति सुशील गुर्जर और दो दलाल नारायण सिंह और अनिल दुबे को गिरफ्तार किया था। सुशील पर पट्टे बनाने की एवज में 2 लाख रुपए की घूस मांगने का आरोप थे। महापौर के घर सर्च में 41 लाख रुपए नकद मिले थे। इसके बाद ACB की टीम इस पूरे मामले को लेकर अब नगर निगम की पुरानी फाइलों की जांच कर रही है।