Indian Army fraud
देश की सुरक्षा में तैनात जवानों को ही अपना शिकार बनाकर करोड़ों की ठगी करने वाले एक फर्जीवाड़े का पर्दाफाश हुआ है। खुद को सेना के ‘कैप्टन’ के रूप में पेश करने वाले भगोड़े क्लर्क सागर गुलेरिया ने देशभर के 48 जवानों को लोन और सब्सिडी का झांसा देकर 5 करोड़ रुपए हड़प लिए। इस चौंकाने वाले मामले की जांच बीकानेर पुलिस ने शुरू की, तो परत-दर-परत खुलासे होते गए। आरोपी को अंबाला जेल से प्रोडक्शन वारंट पर बीकानेर लाकर गिरफ्तार किया गया, जहां अब वह न्यायिक हिरासत में है।
कैसे रचा गया सेना के भीतर ठगी का जाल?
24 वर्षीय सागर गुलेरिया, हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले का निवासी, सेना में बतौर क्लर्क कार्यरत था। उसने असम, जोधपुर, पश्चिम बंगाल और दिल्ली में पोस्टिंग के दौरान खुद को ‘आर्मी ग्रुप इंश्योरेंस फंड (AGIF)’ का कैप्टन बताया। वह जवानों को भरोसे में लेकर कहता कि बैंकों से लोन दिलाएगा और उस पर AGIF से 60 से 79 प्रतिशत तक सब्सिडी मिलेगी। इसी लालच में आकर देश के अलग-अलग राज्यों के जवान उसके झांसे में आ गए।
लोन के नाम पर OTP और पासवर्ड लेकर ट्रांसफर किए पैसे
सागर ने जवानों से OTP, बैंकिंग आईडी और पासवर्ड लेकर लोन की रकम सीधे अपने खातों में ट्रांसफर करवाई। वह फोन और फिर व्हाट्सएप कॉल के जरिए संपर्क में बना रहा, लेकिन जब जवानों ने रकम लौटाने की बात की, तो टालमटोल करने लगा और अंततः फोन बंद कर फरार हो गया।
बीकानेर में दो जवान भी बने शिकार
बीकानेर में तैनात पंजाब निवासी मोहित कुमार और उसका साथी मृण्मय पांडा भी इस ठगी का शिकार हुए। दोनों के नाम से 14-14 लाख रुपए का लोन पास करवाया गया, जिसे बाद में सागर ने सब्सिडी दिलाने के नाम पर अपने खाते में मंगवाकर हड़प लिया।
तीन राज्यों में दर्ज हैं केस
सागर गुलेरिया के खिलाफ राजस्थान (बीकानेर), हरियाणा (पंचकूला), और हिमाचल (डेरा) में मुकदमे दर्ज हैं। बीकानेर के सदर थाने में 17 जून को केस दर्ज हुआ और 21 जून को पुलिस ने अंबाला जेल से हिरासत में लिया।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, यह ठगी एक सुनियोजित साजिश का हिस्सा थी और संभव है कि पीड़ित जवानों की संख्या और बढ़ सकती है। मामले की गहन जांच जारी है।