RASHTRADEEP NEWS – प्रयागराज महाकुंभ में सबसे सुंदर साध्वी हर्षा रिछारिया ने गुरुवार शाम रोते-रोते एक इंटरव्यू में महाकुंभ छोड़ने का ऐलान किया। इसका जिम्मेदार शांभवी पीठ के पीठाधीश्वर को बताया।
स्वामी आनंद स्वरूप ने कहा
महाकुंभ में हर्षा रिछारिया जैसी कई लाख लड़कियां आई हुई हैं। मैंने किसी को कुछ नहीं कहा। लेकिन हर्षा रिछारिया आचार्य के रथ पर सवार होकर मीडिया में दो साल से साध्वी होने का बयान दे रही थी। जब मुझे असलियत का पता चला तो उसे रोकना मेरा कर्तव्य था। ऐसा करके मैंने हर्षा रिछारिया को सही रास्ता दिखाया है। इसमें उसे बुरा मानने की जरूरत नहीं है। आगे अगर ऐसा काम कोई दूसरा भी करेगा तो उसके साथ भी मैं यही करूंगा। हर्षा गलत रास्ते पर जा रही थी। हर्षा की मां का कहना है कि उसकी अगले महीने शादी होने वाली है। ये सब जानने के बाद भगवा रंग का मजाक बनाते देखना मैं बर्दाश्त नहीं कर सकता। अगर हर्षा एक सामान्य लड़की की तरह महाकुंभ मेले में आकर अपने ही गुरु के शिविर में रहती है तो मुझे कोई आपत्ति नहीं है। लेकिन अगर बिना सन्यास लिए हर्षा रिछारिया ने दोबारा त्रिपुण्ड लगाया, तो मैं फिर उसे टोकूंगा, फिर से रोकूंगा।
हर्षा रिछारिया ने वीडियो शेयर करते हुए कहा
शर्म आनी चाहिए कि एक लड़की जो धर्म से जुड़ने आई थी, धर्म को समझने आई थी, सनातन संस्कृति को समझने आई थी। आपने उसको इस लायक नहीं छोड़ा कि वो पूरे कुंभ में रुक पाए। वो कुंभ जो हमारी जीवन में एक बार आएगा। आपने वो कुंभ एक इंसान से छीन लिया। इसके पुण्य का तो नहीं पता लेकिन ये जो आनंद स्वरुप जी हैं, उनको इसका पाप जरूर लगेगा। यहां कुछ लोगों ने मुझे धर्म से जुड़ने का मौका नहीं दिया। संस्कृति में रमने का मौका नहीं दिया। इस कॉटेज में रहकर मुझे यह फील हो रहा है कि मैंने कोई बड़ा गुनाह कर दिया है। जबकि मेरी गलती नहीं है। पहले मैं आई थी पूरे महाकुंभ में रहने की मंशा से आई थी। पूरे 24 घंटे इसी रूम को देखना पड़ रहा है तो इससे बेटर है कि मैं महाकुंभ से चली जाऊं।