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विद्यार्थी परिषद ने कोटा ओपन युनिवर्सिटी की कारिस्तानी का जताया विरोध…

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RASHTRADEEP NEWS

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के खेलो भारत प्रांत संयोजक हिमांशु सारस्वत के नेतृत्व में महामहीम राज्यपाल एवं वर्धमान महावीर ओपन युनिवर्सिटी कोटा के कुलाधिपति के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन देकर वीएमओ युनिवर्सिटी द्वारा योग्य व उत्कृष्ट राष्ट स्तरीय खिलाड़ियों को दरकिनार कर नुकसान किये जाने पर विरोध जताया।

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महानगर मंत्री रामनिवास बिश्नोई ने बताया कि राजस्थान प्रदेश में शारिरिक शिक्षा स्नातक व परास्नातक बीपीएड व एमपीएड में प्रवेश के लिए इस वर्ष जिस प्रक्रिया को अपनाया जा रहा है उससे नेशनल लेवल के उत्कृष्ट खिलाड़ियों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। अभाविप खेलो भारत प्रांत संयोजक हिमांशु सारस्वत ने बताया कि वर्धमान महावीर ओपन युनिवर्सिटी कोटा द्वारा बीपीएड व एमपीएड पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए नोडल एजेंसी बनाया गया है। जिसमें मात्र 20 प्रतिशत अंक के लिए आयोजित प्रवेश परीक्षा के नाम पर 80 प्रतिशत अंक धारित खिलाड़ियों कों दरकिनार कर मैरिट लिस्ट बनाकर प्रवेश दिया जा रहा है। जिससे भारी संख्या में योग्य राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ीगण वंचित किये जा रहे हैं। जो कि नेशनल लेवल पर राजस्थान प्रदेश का नाम रोशन कर रहे उत्कृष्ट खिलाड़ियों के साथ धोखा व अन्याय है। बीकानेर महानगर खेलो भारत संयोजिका पुजा पड़िहार ने बताया कि खेलों में वर्ष भर अत्यधिक शारीरिक मेहनत कर उत्कृष्ट स्थान प्राप्त करने वाले खिलाड़ियों पर अनावश्यक प्रवेश परीक्षा थोपकर खिलाड़ियों का मनोबल कमजोर किया जाना उचित नही कहा जा सकता है। इस विवादास्पद प्रक्रिया से खिलाड़ियों की स्पोर्ट्स परफोरमेन्स पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

विद्यार्थी परिषद जिला संयोजक पुनित शर्मा व नगर मंत्री मोहित सिंह ने संयुक्त रूप से बताया कि हमारी कुलाधिपति व महामहीम राज्यपाल से मांग है कि गत वर्षों से चली आ रही आदर्श प्रवेश प्रक्रिया से ही मैरिट लिस्ट बनाई जानी चाहिए जिसमें खिलाड़ियों के अंतरराष्ट्रीय स्तर, राष्ट्रीय स्तर, राज्य स्तर के खिलाड़ियों के मेडल आधारित प्रमाणपत्र व शैक्षणिक प्रमाणपत्र के अंक मिलाकर व शारीरिक दक्षता परीक्षा करवाई जाती है। इससे किसी भी खिलाड़ी का कोई नुकसान नही होता है। परन्तु इस वर्ष विवादास्पद एवं खिलाड़ियों के मनोबल को नुकसान पहुंचाकर भविष्य बर्बाद करने की वाली प्रकिया को निरस्त करनी चाहिए। जिससे हजारों खिलाड़ियों को न्याय मिलेगा और राजस्थान प्रदेश में उत्तरोत्तर उत्कृष्ट खिलाड़ी देश में प्रदेश का नाम रोशन कर पायेंगें।

यह है विवाद की जड़

इस वर्ष वर्तमान महावीर ओपन युनिवर्सिटी कोटा को प्रदेश के विभिन्न शारीरिक महाविद्यालयों में बीपीएड व एमपीएड में प्रवेश के लिए लिए नोडल एजेंसी बनाया गया है। युनिवर्सिटी द्वारा इस वर्ष नया नियम बनाया है जिसमें मात्र 20 प्रतिशत अंको के लिए परीक्षा ली गई है। और उसी से ही मैरिट लिस्ट बना दी गई है। जिससे नेशनल लेवल गोल्ड मेडलिस्ट के निर्धारित 35 अंक वाले खिलाड़ियों का चयन न होकर जिला स्तरीय प्रतिभागिता के निर्धारित 04 अंक वाले खिलाड़ियों को वरियता दी गई है जो कि अनुचित व अन्यायपूर्ण है। इसलिए इस विवादस्पद प्रकिया को निरस्त कर गत वर्षों से चली आ रही आदर्श प्रवेश प्रक्रिया के अनुसार मैरिट लिस्ट बनाये जाने से प्रत्येक खिलाड़ी को समान अवसर प्राप्त होगा।

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ऐसे होता है अंक निर्धारण

प्रवेश परीक्षा अधिकतम 20 अंक, खेल प्रमाणपत्र अधिकतम 35 अंक, स्नातक परास्नातक शैक्षणिक अधिकतम 40 प्रतिशत अंक तथा सीपीएड, डीपीएड अथवा किसी भी खेल में एक वर्षीय कोचिंग डिप्लोमा के अधिकतम 05 अंक सहित कुल 100 अंक। फिर शारीरिक दक्षता परीक्षा जिसे केवल उत्तीर्ण करना आवश्यक होता है।

महामहीम राज्यपाल के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन देनेवालों में अभाविप कार्यालय मंत्री वेदांत शुक्ला, अभिलाष मेघवाल, छात्र कल्याण संघर्ष समिति के धनंजय सारस्वत, एनसपी कालेज छात्र संघ महासचिव राजेश साध, पुर्व महासचिव शबाना बानो, तनवीर भाटी, स्वरुप सिंह सोलंकी, राजकीय डूंगर कॉलेज के मनसुख डूडी व राजेश प्रजापत, रामपुरिया जैन कालेज से विक्रांत सिंह व नंदकिशोर, एमजीएस युनिवर्सिटी से पंकज शर्मा व हेमन्त कुमार, जैन कालेज के हिमांशु डांगी व प्रधुम्न सिंह, नेहरू शारदापीठ पीजी महाविद्यालय से सुरेश स्वामी व विशाल सिंह भाटी सहित बड़ी संख्या में छात्र नेता उपस्थित हुए।

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