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ट्रेनी डॉक्टर की रेप के बाद बंगाल की राजनीति में तूफान मचा है। कोलकाता पुलिस ने इस केस में एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। हाईकोर्ट के आदेश के बाद सीबीआई इस केस की जांच कर रही है। CBI के लिए मौत के जुड़े सवालों का जवाब तलाशना आसान नहीं है। जिस तरह प्रारंभिक जांच के बाद केस से जुड़े तथ्य सामने आ रहे हैं, उससे यह स्पष्ट तौर से जाहिर होता है कि यह रेप और हत्या का सामान्य मामला नहीं है।

साथ ही, बुधवार देर रात भीड़ ने हॉस्पिटल में घुसकर तोड़फोड़ की। चश्मदीदों की मानें तो उपद्रवियों ने रेप-मर्डर वाली जगह को टारगेट किया और सबूत मिटाने की कोशिश की। सीसीटीवी कैमरे भी तोड़े गए। यह हमला किसी बड़ी साजिश और बड़े आपराधिक नेटवर्क की ओर इशारा कर रही है। जब हत्या की परतें उधेड़ी जाएंगी तो एक डॉक्टर की मौत से अलग बड़े कारनामे भी सामने आ सकते हैं।

- क्या किसी गड़बड़ी की राजदार थी ट्रेनी डॉक्टर, 31 साल की ट्रेनी डॉक्टर की मौत में जिन सवालों से जवाब सीबीआई को तलाशने हैं, वह बेहद गंभीर हैं। इसके बाद ही पता चलेगा कि डॉक्टर की हत्या में कितने लोग शामिल हैं। उसके साथ गैंगरेप और मर्डर किसी साजिश के तहत किया गया। क्या मेडिसिन विभाग में पीजी सेकेंड ईयर की स्टूडेंट अस्पताल में हो रही किसी गड़बड़ी की राजदार थी, जिससे कई सफेदपोश के चेहरे बेनकाब हो सकते थे। अगर यह किसी एक शख्स की वहशी करतूत थी, तो उसने ऐसा क्यों किया? अस्पताल प्रशासन और पुलिस इस केस में क्या छिपा रही है और क्यों छिपा रही है।
- रेप या गैंगरेप, वजाइना में कैसे आया 151 एमएल सीमन, सीबीआई को सबसे पहले यह साफ करना होगा कि महिला ट्रेनी डॉक्टर के साथ रेप हुआ था या गैंगरेप? पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में मिले साक्ष्य बताते हैं कि उसके प्राइवेट पार्ट में 151 एमएल सीमन था। एक्सपर्ट डॉक्टर मानते हैं कि इतने बड़ी मात्रा में सीमन एक आदमी का नहीं हो सकता तो फिर गैंगरेप में कितने लोग शामिल थे?

- क्या कई लोगों ने मिलकर हत्या की, तो वे कौन थे? जब पीड़िता के परिजन मौत की खबर सुनकर हॉस्पिटल पहुंचे तो ट्रेनी डॉक्टर का शव बेड पर पड़ा था। उसका एक पैर बेड की एक तरफ और दूसरा 90 डिग्री पर नग्न हालत पर पड़ा था। ऐसा तभी हो सकता है कि जब दोनों पैरों को पकड़कर दो तरफ से खींचा जाए। इसका मतलब है कि इस हत्या में भी कई लोगों की संलिप्तता हो सकती है। ये अतिरिक्त लोग कौन हैं?, उनका पता लगाना सीबीआई के लिए जरूरी होगा। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का पूरा सच भी जानना जरूरी है।
- क्राइम सीन को क्यों बिगाड़ा, इसके पीछे कौन हैं? क्राइम सीन से छेड़छाड़ की खबरें भी आ रही हैं। कोलकाता पुलिस पर इस मामले में तथ्यों को छिपाने के आरोप लगे हैं। बुधवार रात भी उपद्रवी भीड़ ने क्राइम सीन को बिगाड़ने की कोशिश की। सीबीआई के लिए इसे सुलझाना आसान नहीं होगा। कोलकाता पुलिस से पूरी जानकारी निकालना भी सीबीआई के लिए चुनौती होगी। कोलकाता के पुलिस के तथ्य संदिग्ध हैं, जिस पर काफी सवाल खड़े हुए हैं। इस केस में यह जानना जरूरी होगा कि मौत के बाद आत्महत्या की पहली सूचना किसके इशारे पर जारी की गई। ऐसी सूचना जारी करने का मकसद क्या था?
- 36 घंटे की ड्यूटी के बाद सेमीनार रूम में कैसे पहुंची? मीडिया रिपोर्ट में बताया जा रहा है कि इस केस के आरोपी संजय रॉय की पहुंच सभी विभागों में थी। क्या उसे ड्यूटी रोस्टर की जानकारी थी। ट्रेनी डॉक्टर 36 घंटे तक लगातार ड्यूटी कर रही थी। ड्यूटी के बाद रात दो बजे डिनर करने के बाद वह स्टाफ रूम में ऊपर गई। फिर वह सेमीनार हॉल में कैसे पहुंची, उसे कौन ले गया? आरोपी संजय के साथ वह कैसे पहुंची?

- संजय रॉय का मुंह खुलवाना भी सीबीआई के लिए चुनौती, कोलकाता पुलिस ने रेप के आरोपी संजय रॉय को गिरफ्तार किया था, जिसे अब सीबीआई ने अपनी हिरासत में ले लिया है। बताया जा रहा है कि संजय को पुलिस का संरक्षण हासिल था। उसकी सैलरी 10 हजार रुपये थी, मगर उसके खर्चे असीमित थे। आखिर वह इतने पैसे कहां से लाता था? सूत्र बताते हैं कि वह ऐसे गिरोह का सदस्य हो सकता है, जो सेक्स रैकेट और नशे का कारोबार करता है। क्या सीबीआई उससे इस केस में शामिल अन्य लोगों के नाम उगलवा सकेगी? बताया जाता है कि उसके साथ पीजी कर रहा एक स्टूडेंट भी इस केस में शामिल था। अभी तक कोलकाता पुलिस ने उससे उगलवाए राज बताए नहीं हैं।
- प्रिंसिपल का तबादला और नेताओं की चुप्पी से भी बढ़ा सस्पेंस, इस केस में राज्य सरकार के फैसलों पर भी सवाल उठ रहे हैं। रेप की घटना शुक्रवार सुबह सामने आई, मगर पुलिस ने काफी देर तक छिपाए रखा। आनन-फानन में मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल का तबादला किया गया। राज्य सरकार ने कोर्ट के आदेश के बाद इसकी जांच सीबीआई को सौंपी। टीएमसी नेताओं की चुप्पी से भी लोगों में नाराजगी बढ़ी है। बुधवार रात जिस तरह हॉस्पिटल में क्राइम सीन को खराब करने की कोशिश की गई, उससे संदेह बढ़ जाता है। अब सबकी नजरें सीबीआई पर टिकी हैं। सवालों के जवाब चौंकाने वाले हो सकते हैं।