RASHTRA DEEP NEWS
पंजाब में भारी बारिश और बाढ़ के हालात से निपटने के लिए इंदिरा गांधी नहर में पानी की आवक बंद करने से पश्चिमी राजस्थान के किसानों के लिए संकट खड़ा हो गया है। इन किसानों के लिए खरीफ की फसल को जिंदा रख पाना मुश्किल हो रहा है।आईजीएनपी में पिछले 7 दिनों से रेग्युलेशन स्थगित कर अनूपगढ़ शाखा में अनिश्चितकालीन बंदी के चलते प्रथम चरण के किसानों की खरीफ की फसलें खराब होने के कगार पर है। क्योंकि पंजाब में भारी बारिश से सतलुज नदी में आए पानी से पंजाब स्थित हरिके बैराज से नहरी पानी का वितरण गड़बड़ा गया है।
इंदिरा गांधी नहर परियोजना को पानी देने वाले राजस्थान फीडर में एक सप्ताह से पानी की आपूर्ति बंद कर रखी है। अब हरिके पर पानी की आवक कम हो गई है लेकिन राजस्थान के जल संसाधन विभाग ने पंजाब सरकार को निल इंडेंट भेज कर पानी छोड़ने की डिमांड ही नहीं की है। ऐसे में आईजीएनपी से सिंचित क्षेत्र के किसानों को खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। खरीफ की फसलों को सिंचाई पानी नहीं मिलने से किसान चिंतित है। हालंकि नहर विभाग घग्घर नदी में आ रहे पानी को इंदिरा गांधी नहर में डालने की बात कह रहा है। परन्तु यह पानी पूरे लेवल में नहीं पहुँचने से दिक्कतें आ रही हैं। इधर किसानों का आरोप हैं कि अनूपगढ़ ब्रांच में पिछले 1 महीने से किसानों को सिंचाई का पानी नहीं मिल रहा है। हरिके बैराज से राजस्थान कैनाल में अनिश्चितकालीन बंदी के चलते आक्रोशित हुए खाजूवाला, रावला व घड़साना क्षेत्र के किसानों का एक शिष्टमंडल रविवार को 629 हैड पर पानी का जायजा लेने के लिए पहुंचा। एक तरफ सिंचाई के लिए खेतों में फसलें खराब हो रही हैं और दूसरी तरफ पेयजल की व्यवस्था पूरी तरीके से गड़बड़ा गई है। दूसरी तरफ किसानों के शिष्टमंडल ने अनूपगढ़ ब्रांच के निर्माण कार्य का भी जायजा लिया। किसानों ने आरोप लगाया कि नहर में घटिया निर्माण किया जा रहा है।
वहीं अधीक्षण अभियंता रामसिंह ने कहा कि इस समय घग्घर के पानी को आईजीएनपी में डालने की लगातार कोशिश की जा रही है और हनुमानगढ़ को बचाने को लेकर घग्घर नदी का पानी 629 हैड से आईजीएनपी नहर में पानी डाला जा रहा ।
किसानों ने लगाया भेदभाव का आरोप, अनूपगढ़ शाखा के किसानों के साथ सिंचाई विभाग के अधिकारियों द्वारा भेदभाव किया जाता रहा है। सिंचाई विभाग के अधिकारी चाहते तो 12 जुलाई से अनूपगढ़ ब्रांच में पानी चला सकते थे। जबकि आईजीएनपी 13 जुलाई को हरीके बराज से बंद की गई थी। ऐसे में इस अनूपगढ़ ब्रांच में 7 दिन पानी चलाया जा सकता था लेकिन विभाग की लापरवाही के चलते किसानों को यह खामियाजा भुगतना पड़ रहा है।
पूर्व विधायक डॉ. विश्वनाथ मेघवाल का कहना है कि, अनूपगढ़ शाखा के किसानों को उजाड़ने का काम सिंचाई विभाग द्वारा किया जा रहा हैं। नहरबंदी में नहर के दुरुस्तीकरण का कार्य नहीं कर अब किया जा रहा हैं, जो गलत हैं। क्योंकि पहले अनूपगढ़ शाखा में बैलेंस का पानी नही दिया गया और अब रेग्युलेशन स्थगित कर पानी नहीं देना नहर विभाग की उदासीनता हैं। वहीं नहर विशेषज्ञ नरेंद्र आर्य का कहना है कि अनूपगढ़ शाखा में तय समय पर सिंचाई पानी नहीं देने के साथ-साथ आईजीएनपी में पानी की डिमांड नहीं करना मुख्य अभियंता का यह निर्णय दुखद हैं।