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बीकानेर के यह चार विधायक मंत्रिमंडल की दौड़, सबकी नजर मंत्रीमंडल पर…

RASHTRADEEP NEWS

राजस्थान में मुख्यमंत्री पद का फैसला होने के बाद अब सबकी नजरें मंत्रिमंडल पर टिकी हैं। गहलौत सरकार के समय कांग्रेस ने बीकानेर में तीन विधायकों को मंत्री बनाकर एक ऐसी लाइन खींच दी जिसे अब भाजपा पर भी यहां के विधायकों को मंत्रिमंडल में जगह देने का दबाव रहेगा। मंत्रिमंडल में छह में से चार विधायकों की दावेदारी मजबूत मानी जा रही है।

क्योंकि पूरे संभाग में मेघवाल वर्ग से अकेले खाजूवाला विधायक डॉ. विश्वनाथ मेघवाल चुनाव जीते हैं इसलिए उनका दावा मजबूत माना जा रहा है। वे पहले भी संसदीय सचिव रह चुके हैं। कहा जा रहा है कि संभावित मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा वसुंधरा खेमे से हैं, इसलिए विश्वनाथ मेघवाल का नंबर आ सकता है।

जाट विधायकों में सुमित गोदारा और संजीव बेनीवाल में किसी का नंबर आ सकता है। संजीव बेनीवाल भादरा से तीसरी बार विधायक चुने गए हैं। वे 1998 और 2013 में विधायक चुने थे। तीसरी बार फिर विधायक बने। लूणकरणसर के सुमित गोदारा लगातार दूसरी बार विधायक चुने गए। अब खेमेबंदी होगी। अगर वसुंधरा की चली तो भादरा विधायक संजीव बेनीवाल को मौका मिल सकता है।

बीकानेर संभाग में राजपूतों के दो विधायक चुने गए। इसमें बीकानेर पूर्व की सिद्धि कुमारी और कोलायत से अंशुमानसिंह भाटी। जयपुर राजघराने से दिया कुमारी को डिप्टी सीएम बनाया है, इसलिए अब सिद्धि कुमारी का पाला कमजोर माना जा रहा है।

सबसे कम उम्र के अंशुमान सिंह भाटी पहली बार चुनाव जीतकर विधानसभा में पहुंचे हैं। उनका दावा भी मजबूत माना जा रहा है। पार्टी उन्हें युवा विधायक के रूप में पेश कर युवाओं को लुभाने की कोशिश कर सकती है। सीएम शर्मा के देवी सिंह भाटी के रिश्ते भी पुराने हैं। प्रदेश में भाजपा अध्यक्ष भी ब्राह्मण होने से सीएम भी मंत्रिमंडल में इसका असर दिख सकते हैं। श्रीडूंगरगढ़ विधायक ताराचंद सारस्वत का दावा कमजोर होने लगा है। बीकानेर पश्चिम विधायक जेठानंद व्यास का नंबर सिर्फ तभी मंत्रिमंडल में आ सकता है जब संघ खुलकर उनके समर्थन में आए।

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