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राजस्थान की भजनलाल सरकार ने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के एक बड़े फैसले पर कैंची चला दी। गहलोत राज में बनाए गए नए जिलों में से 9 जिलों को निरस्त करने का निर्णय लिया। साथ ही तीन संभागों को भी निरस्त करने का फैसला लिया। भाजपा सरकार के इस फैसले का कांग्रेस ने कड़ा विरोध किया। कांग्रेस ने तुरंत प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई और मीडिया से मुखातिब होते हुए सरकार के इस निर्णय का अव्हवहारिक, अलोकतांत्रिक और जनहित विरोधी बताया।
कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली मीडिया से रूबरू हुए। इन दोनों नेताओं ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने जो नए जिले बनाए थे। वह रिटायर्ड आईएएस की अध्यक्षता में बनी कमेटी की सिफारिशों के आधार पर बनाए गए। जनता लंबे समय से नए जिलों की मांग कर रही थी। जनभावनाओं को ध्यान में रखते हुए और लोगों को सरकारी कार्यों के लिए भटकना नहीं पड़े। इसलिए नए जिले बनाने का निर्णय लिया था। अब डबल इंजन सरकार ने नई कमेटी बनाकर उनसे मनमर्जी की सिफारिशें तैयार करवाई। इन 9 जिलों को सिर्फ इसलिए खत्म किया क्योंकि जिले कांग्रेस ने बनाए थे। कांग्रेस के नेताओं ने कहा कि जब कांग्रेस की सरकार बनेगी तो इन जिलों को पुनः अस्तित्व में लाएंगे।
डोटासरा ने कहा कि, यह फैसला जनमानस के खिलाफ है, हम घोर निंदा करते हैं। अभी राजकीय शोक है। एक जनवरी के बाद हम आंदोलन करेंगे। अभी हाईकोर्ट में भी सर्दी की छुट्टियां है, जरूरत पड़ी तो कांग्रेस बाद में हाईकोर्ट की शरण में भी जाएगी।