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जेजेपी इस बार हरियाणा में चंद्रशेखर आजाद की आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था. जेजेपी ने हरियाणा में 70 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारा था। 20 सीटों पर आसपा के उम्मीदवार थे। 70 सीटों में से एक भी सीट पर जेजेपी जीतती नजर नहीं आ रही है।
2019 में पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ी जेजेपी को 10 सीटें मिली थीं। इस बार तो पार्टी का बुरा हाल है। जेजेपी चीफ दुष्यंत चौटाला खुद अपनी सीट हार रहे हैं। दुष्यंत चौटाला के परिवार से 5 सदस्य चुनावी मैदान में हैं। सभी प्रत्याशी बुरी तरह हार गए। दुष्यंत चौटाला भी अपनी सीट से हार गए।
जेजेपी ने हरियाणा के विधानसभा चुनाव में इस बार सांसद चंद्रशेखर आजाद की आसपा (कांशीराम) के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था। जेजेपी ने जहां 70 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे। वहीं चंद्रशेखर आजाद की आसपा (कांशीराम) ने 20 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे। हालांकि, 70 सीटों में से जेजेपी का कोई भी प्रत्याशी नहीं जीता। ऐसे में कहा जा सकता है कि बीजेपी और कांग्रेस की जोरदार तैयारियों के बीच जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) के सामने अपने वजूद को नही बचा सकी।