।।श्रीहरि:।।
हे नाथ! हे मेरे नाथ! मैं आपको भूलूँ नहीं! ”जो सच्चे संत-महात्मा होते हैं, उनको गुरु बनने का शौक नहीं होता, प्रत्युत दुनिया के उद्धार का शौक होता हैं।” -श्रद्धेय स्वामीजी श्रीरामसुखदासजी महाराज
दिनांक : 11.04.2024, वार : गुरुवार, सूर्योदय : प्रात: 06:17 बजे, सूर्यास्त : सांय 06:58 बजे, चन्द्रोदय : सांय 07:50 बजे, हिन्दु मास : चैत्र, पक्ष :- शुक्ला, तिथि :- तृतीया विक्रम सम्वत : 2081, सम्वत नाम : पिंगल, ऋतु :- बसंत, नक्षत्र – कृतिका 01:37 रात्रितक।
सूर्य राशि – मीन, चंद्र राशि – मेष, दिशा, शूल : दक्षिण, व्रत: गणगौर तीज व्रत।
चोघडियादिन: शुभ 06:17 – 07:52 शुभ, चर 11:03 -12:38 शुभ, लाभ 12:38 – 14:13 शुभ, अमृत14:13 – 15:48 शुभ, शुभ 17:24 – 18:59 शुभ।
चौघड़िया रात: अमृत 18:59 – 20:23 शुभ, चर 20:23 – 21:48शुभ, लाभ 24:37 – 26:02 शुभ, शुभ 27:27 – 28:51 शुभ, अमृत 28:51 – 30:16 शुभ।
नवरात्रि तृतीय दिन होंगी माँ चद्रघण्टा की पूजा।
लघु कथा:- माता चंद्रघंटा का रूप अलौकिक है। माता के मस्तक पर अर्ध चंद्रमा विराजमान है, जिस कारण ही इन्हें चंद्रघंटा के नाम से पुकारा जाता है। स्वर्ण की भांति चमकीला माता का शरीर, 10 भुजाओं वाला है। अस्त्र-शस्त्र से सुशोभित मैया सिंह पर सवार हैं -पंडित ब्रज मोहन पुरोहित .