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यह घटना कोटा के रेलवे कॉलोनी थाना क्षेत्र की है। जहां सरकारी क्वार्टर में सो रहे रेलवे कर्मचारी शंभू कुमार (35) की गला काटकर हत्या कर दी गई। वह रेलवे के वर्कशॉप में नौकरी करता था। पिता नंदकिशोर की जगह पर (मृतक आश्रित कोटा) उसे नौकरी मिली थी। शंभू सरकारी क्वार्टर में अपनी पत्नी मंजू, बड़ा बेटा प्रिंस (10) और छोटा बेटा डूग्गु (7) के साथ रहता था। मूल रूप से केशोरायपाटन (बूंदी) का रहने वाला था।
रेलवे कॉलोनी थाने के एएसआई जगदीश प्रसाद ने बताया कि, वारदात बुधवार रात करीब दो-ढाई बजे की है। वारदात के समय शंभू की पत्नी मंजू, बड़ा बेटा प्रिंस और छोटा बेटा डूग्गु घर में ही थे। घर में आने के दो दरवाजे हैं। एक सामने और एक पीछे। सामने का दरवाजा रात को लॉक था। बदमाश पीछे के दरवाजे से अंदर घुसे। अंदर हाथ डालकर कुंडी खोलने के लिए गैप है। इसकी वजह से यह दरवाजा बाहर से भी खुल जाता है। शंभू की पत्नी छोटे बेटे के साथ कमरे में नीचे सो रही थी। शंभू बड़े बेटे के साथ बेड पर सो रहा था। सोते समय शंभू के गले पर चाकू से 2 वार किए। लगते ही शंभू उठा और अपने पास सो रहे बड़े बेटे प्रिंस पर हाथ मारा। बेटा उठा तो दोनों बदमाश पीछे गेट से भाग रहे थे।
शंभू ने हिम्मत जुटाई और बेड से उठकर बदमाशों का पीछा करने की कोशिश की। गेट तक जाते-जाते वह बेहोश होकर गिर गया। बेटा प्रिंस चिल्लाया तो मां जगी। शोर सुनकर पड़ोसी भी आ गए। शंभू को फौरन रेलवे हॉस्पिटल ले जाया गया। यहां से डॉक्टरों ने उसे एमबीएस हॉस्पिटल रेफर कर दिया। यहां इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया।
भाई महेंद्र ने बताया की, 10-12 साल से शंभू कोटा में रहकर रेलवे की नौकरी कर रहा था। उसकी किसी से कोई दुश्मनी नहीं थी। हाल-फिलहाल में उसका किसी के साथ झगड़ा भी नहीं हुआ था। पुलिस हर एंगल पर जांच कर रही है। पुलिस की मानें तो लेन-देन का भी विवाद सामने आ रहा है। यार-दोस्त भी शक के दायरे में है। जांच चल रही है। जल्दी ही पूरा मामला सामने आएगा।