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महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से ठीक पहले चाचा शरद पवार ने भतीजे अजित पवार की एनसीपी में बड़ी सेंधमारी की है। इसकी वजह है शरद पवार की सेंधमारी। अजित पवार की एनसीपी को बहुत बड़ा झटका लगा है। अजित गुट के चार बड़े नेताओं ने पार्टी बाय-बाय कह दिया है। ये चारों नेता अब शरद पवार वाले गुट में शामिल हो सकते हैं।
अजित पवार गुट छोड़ने वाले नेताओं में पिंपरी-चिंचवड इकाई के प्रमुख अजित गव्हाणे, पिंपरी छात्र इकाई के प्रमुख यश साने, पूर्व नगरसेवक राहुल भोसले और पंकज भालेकर शामिल हैं। ये सभी इस वीकेंड तक शरद पवार की गुट में शामिल होंगे। अजित की पार्टी में सेंधमारी करके चुनाव से ठीक पहले शरद पवार ने अपने सियासी पावर का परिचय दिया है।
NCP नेता अजित गव्हाणे ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया और कहा, ‘मैंने NCP (अजित गुट) छोड़ दी है… मैंने पार्टी अध्यक्ष को अपना इस्तीफा सौंप दिया है।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, अजित पवार गुट वाली एनसीपी के कई अन्य पदाधिकारी, पूर्व नगरसेवक और नेता भी पार्टी छोड़ने की तैयारी में हैं। गव्हाणे का दावा है कि ये सभी उनका समर्थन कर रहे हैं। गव्हाणे ने आगे कहा कि वह बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे और अजित पवार का साथ छोड़ने के पीछे के कारणों का खुलासा करेंगे। लेकिन, उन्होंने इस पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया कि क्या वह शरद पवार के खेमे में वापसी करेंगे। उन्होंने कहा, आपको पता चल जाएगा कि मैं किस पार्टी में शामिल हो रहा हूं… मैं आज कुछ नहीं बताऊंगा।
अजित गुट को बाय-बाय कहने वाले इन नेताओं की शरद पवार गुट में वापसी में कोई मुश्किल नहीं है। पिछले महीने ही शरद पवार ने कहा था कि वह उन लोगों को स्वीकार नहीं करेंगे जो उनकी पार्टी को कमजोर करना चाहते हैं, मगर उन नेताओं को शामिल करेंगे जो पार्टी की छवि को नुकसान नहीं पहुंचाएंगे। इस तरह से शरद पवार ने संकेत दे दिया था कि वह अजित गुट के नेताओं को भी अपनी पार्टी में आने देने से परहेज नहीं करेंगे। अजित पवार के साथ-साथ प्रफुल्ल पटेल और छगन भुजबल जैसे अहम नेताओं ने भी शरद पवार का साथ छोड़ दिया था। मगर अब खबर है कि छगन भुजबल अजित गुट में नाराज चल रहे हैं। बीते दिनों छगन भुजबल ने शरद पवार के घर जाकर उनसे मुलाकात की है। बता दें कि अजित पवार की गुट एनसीपी को लोकसभा चुनाव में संतोषजनक रिजल्ट नहीं मिला क्योंकि पार्टी केवल एक सीट ही जीत सकी जबकि अजित के चाचा शरद पवार की पार्टी ने आठ सीटें हासिल कीं।