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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार, 17 दिसंबर को राजस्थान में पानी की कमी को दूर करने के लिए एक महत्वाकांक्षी परियोजना का शिलान्यास किया। जिसमें राजस्थान में 46 हजार करोड़ से ज्यादा रुपयों की 20 से ज्यादा परियोजनाओं का लोकार्पण किया। पानी की चुनौती का स्थायी समाधान निकालने का एक प्रयास हैं। इन परियोजनाओं से 11 नदियों को आपस में जोड़ा जाएगा जिनसे राजस्थान और मध्य प्रदेश के कई जिलों को लाभ होगा।
1. परियोजना की जरूरत क्यों पड़ी?
- राजस्थान भारत का सबसे बड़ा राज्य है। देश का 10.4 प्रतिशत भूभाग राजस्थान का हिस्सा है। लेकिन राजस्थान में केवल 1.16 प्रतिशत पानी (नदी जैसा सतह का पानी) और केवल 1.72 प्रतिशत भूगर्भ जल (ग्राउंड वाटर) है।
2. क्या है ERCP?
- Eastern Rajasthan Canal Project (ERCP)या पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना राजस्थान सरकार की एक परियोजना है। इसका उद्देश्य पूर्वी राजस्थान में पानी की कमी की समस्या का सामना करने वाले जिलों में पीने के लिए और सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराना है। इसके तहत दक्षिण राजस्थान में चंबल नदी और उसकी सहायक नदियों में जमा होने वाले अतिरिक्त पानी को दक्षिण-पूर्वी राजस्थान के उन क्षेत्रों तक ले जाना है जहां पानी की कमी होती है।
3. क्या है PKC परियोजना
- यह केंद्र सरकार की परियोजना है। वर्ष 2004 में केंद्र के जल संसाधन मंत्रालय ने पार्बती-कालीसिंध-चंबल (PKC) लिंक परियोजना के बारे में संबंधित राज्य सरकारों को रिपोर्ट सौंपी थी। इसके तहत पार्बती, नेवज और कालीसिंध नदियों में मानसून के महीनों में आने वाले अतिरिक्त पानी को चंबल नदी में मोड़ने का प्रस्ताव किया गया था। इसके बाद राजस्थान सरकार ERCP परियोजना लेकर आई।
4. क्या है PKC-ERCP परियोजना
- इस वर्ष 28 जनवरी 2024 को केंद्र सरकार की पार्बती-कालीसिंध-चंबल (PKC) और राजस्थान सरकार की (ERCP) परियोजना को एकीकृत कर दिया गया। इस सहमति पत्र पर या एमओयू पर दिल्ली में केंद्र सरकार के मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव की उपस्थिति में हस्ताक्षर हुए। उस वक्त इस परियोजना से राजस्थान के 13 और मध्य प्रदेश के भी 13 जिले इस परियोजना से प्रभावित होते। बाद में राजस्थान में नए जिले बनने से जिलों की संख्या बढ़ गई।
5. राजस्थान के किन 21 जिलों को लाभ होगा?
- PKC-ERCP प्रोजेक्ट से राजस्थान के 21 जिलों को लाभ होगा। ये जिले हैं- झालावाड़, बारां, कोटा, सवाई माधोपुर, गंगापुर सिटी, करौली, धौलपुर, भरतपुर, डीग, दौसा, अलवर, खैरथल-तिजारा, जयपुर, जयपुर ग्रामीण, कोटपुतली-बहरोड़, अजमेर, ब्यावर, शाहपुरा, केकरी, टोंक और दूदू। इससे 21 जिलों के सवा तीन करोड़ लोगों को लाभ होगा।
इस परियोजना से मध्य प्रदेश के भी मालवा और चंबल क्षेत्र के 13 जिलों को लाभ होगा।