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राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 में भाजपा को बड़ी जीत मिली थी। लेकिन लोकसभा चुनाव में कांग्रेस नेतृत्व वाले इंडिया गठबंधन ने जबरदस्त वापसी की। अब विधानसभा उपचुनाव दोनों दलों के लिए अग्निपरीक्षा जैसा है। प्रदेश की सरकार लोग कितने संतुष्ट है, इसकी एक बानगी उपचुनाव के नतीजों से देखने को मिलेगी। प्रदेश की 7 विधानसभा सीटों के उपचुनाव पर कल मतदान होना है। इन सात विधानसभा सीट दौसा, झुंझुनूं, देवली उनियारा, रामगढ़, खींवसर, सलूंबर और चौरासी में कुल 69 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं। विधानसभा के उपचुनाव होने के बाद भी सभी सीटों पर जबरदस्त मुकाबला है।
कांग्रेस पर लोक सभा चुनाव के परिणामों को दोहराने का दबाव है वहीं क्षेत्रीय दल के तौर पर राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी और बाप के लिए अपना सियासी वजूद बचाने की लड़ाई है। लेकिन सबसे बड़ी परीक्षा भाजपा के लिए हैं क्योंकि 10 महीने पुरानी राजस्थान की भजनलाल सरकार के लिए ये उपचुनाव लिटमस टेस्ट की तरह देखे जा रहे हैं।
पाँच सीटों पर है त्रिकोणीय मुक़ाबला
- झुंझुनूं
- राजेंद्र भांबू (बीजेपी)- अमित ओला (कांग्रेस)- राजेंद्र गुढ़ा (निर्दलीय)
- खींवसर-
- रेवंत राम (बीजेपी)- रतन चौधरी (कांग्रेस)- कनिका बेनीवाल (RLP)
- चौरासी-
- कारीलाल ननोमा (बीजेपी)- महेश रोत (कांग्रेस)- अनिल कटारा (BAP)
- सलूंबर-
- शांता देवी (बीजेपी)- रेशमा मीणा (कांग्रेस)- जीतेश कटारा (BAP)
- देवली उनियारा-
- राजेंद्र गुर्जर (बीजेपी)- केसी मीणा (कांग्रेस)- नरेश मीणा (निर्दलीय)
दो सीट पर बीजेपी-कांग्रेस के बीच टक्कर
- दौसा- जगमोहन मीणा (बीजेपी)- दीनदयाल बैरवा (कांग्रेस)
- रामगढ़- सुखवंत सिंह (बीजेपी)- आर्यन जुबेर खान (कांग्रेस)