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सिटिजनशिप अमेंडमेंट एक्ट CAA लागू कर दिया गया है। गृह मंत्रालय ने इसे लेकर सोमवार को नोटिफिकेशन जारी कर दिया। मंत्रालय की ओर से कहा गया, गृह मंत्रालय आज नागरिकता संशोधन अधिनियम, CAA-2019 के तहत नियमों को अधिसूचित करेगा। नागरिकता संशोधन नियम, 2024 कहे जाने वाले ये नियम CAA-2019 के तहत पात्र व्यक्तियों को भारतीय नागरिकता प्रदान करने के लिए आवेदन करने में सक्षम बनाएंगे। आवेदन पूरी तरह से ऑनलाइन मोड में जमा किए जाएंगे जिसके लिए एक वेब पोर्टल प्रदान किया गया है।
सवाल उठता है कि CAA क्या है? और इसे लेकर इतना हंगामा क्यों मचा हुआ है? चलिए हम आपको बताते हैं। सबसे पहली बात यह कि सीएए नागरिकता से जुड़ा कानून है। इसके लागू होने से तीन पड़ोसी मुस्लिम बाहुल्य देशों पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए उन लोगों को भारतीय नागरिकता मिल जाएगी, जो प्रताड़ना का शिकार होकर दिसंबर 2014 तक भारत आए। इसमें गैर-मुस्लिम अल्पसंख्यक (हिंदू सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई) शामिल हैं। नागरिकता संशोधन बिल पहली बार साल 2016 में लोकसभा में पेश हुआ। यहां से यह पास हो गया मगर राज्यसभा में अटक गया था। कुछ समय बाद इसे संसदीय समिति को भेज दिया गया। तब तक 2019 का लोकसभा चुनाव आ गया। एक बार फिर से मोदी सरकार बनी और दिसंबर, 2019 में इसे लोकसभा में दोबारा पेश किया गया। अबकी बार यह लोकसभा और राज्यसभा दोनों में पास हो गया।
मालूम हो कि नागरिकता देने का अधिकार केंद्र सरकार के पास है। पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, ईसाई और पारसी धर्म से जुड़े शरणार्थियों को भारत की नागरिकता दी जानी है। CAA के तहत प्रावधान है कि जो लोग 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत आकर बसे, उन्हें ही नागरिकता दी जाएगी। इसके तहत उन लोगों को अवैध प्रवासी बताया गया है, जो भारत में वैध यात्रा दस्तावेज (पासपोर्ट और वीजा) के बगैर घुस आए। या फिर ऐसे लोग जो वैध दस्तावेज लेकर भारत में आए मगर तय अवधि से ज्यादा समय तक यहीं रुके रहे।