प्रधानमंत्री गरीब कल्याण याेजना के तहत वितरित किया जा रहे गेहूं का सितंबर महीने का स्टाॅक साढ़े तीन हजार क्विंटल कम आया था। ऐसे में जिले के 70 हजार सदस्य प्रभावित हाेने की संभावना जताई गई थी। कम स्टाॅक की पूर्ति रसद विभाग ने कर ली है। अब अक्टूबर महीने में वंचित रहे जरूरतमंदाें काे गेहूं पांच नवंबर तक दिया जाएगा। काेविड-19 वैश्विक महामारी में वर्ष 2020 में याेजना शुरू की गई थी। याेजना के तहत प्रति व्यक्ति पांच किलाे गेहूं का वितरण किया जा रहा है।
हालांकि पहले यह वितरण नवंबर से बंद कर दिया गया था, लेकिन सरकार ने याेजना की अवधि दिसंबर 22 तक बढ़ा दी है। डीएसओ भागूराम महला ने बताया कि बीकानेर जिले में खाद्य सुरक्षा में चयनित राशन कार्ड तीन लाख छह हजार 297 है। याेजना में दाे लाख 84 हजार परिवार शामिल हैं। इसमें सदस्य 12.50 लाख है। याेजना के तहत पहले चरण में प्रति व्यक्ति एक किलाे दाल का वितरण भी किया जाता था, जिसे दूसरे चरण में बंद कर दिया गया। खाद्य सुरक्षा याेजना के तहत मिलने वाले गेहूं का वितरण जारी है। इसके स्टाॅक में काेई कमी नहीं की गई है।
75 हजार नए आवेदकों के फॉर्मों की जांच जारी
खाद्य सुरक्षा योजना में नाम जुड़वाने के लिए अप्रैल व मई में जमा हुए 75 हजार आवेदकों के फार्माें की जांच चल रही है। बीकानेर जिले में आए आवेदनाें की उपखंड वाइज जांच की जा रही है। एसडीएम जांच के बाद फार्म बीडीओ काे भेजेगा। बीडीओ से फार्म चेक हाेने के बाद एसडीएम के पास आएगा। तब जाकर याेजना में पात्र व्यक्ति का नाम जुड़ेगा। राज्य में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2 अक्टूबर 2013 से लागू किया गया था।
अधिनियम के प्रावधानों के तहत पात्र परिवारों का चयन राज्य सरकार करती है। राज्य में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत अधिसूचित मापदंडाें के अनुरूप पात्र परिवारों का चयन 32 समावेशन श्रेणियों और 7 निष्कासन श्रेणियों के मापदंडाें के आधार पर अपील प्रक्रिया से किया जाता है।