Rajasthan Education Minister Madan Dilawar
जिला परिषद सभागार में शुक्रवार को आयोजित जनसुनवाई उस वक्त चर्चा का विषय बन गई, जब एक छात्रा ने शिक्षा मंत्री मदन दिलावर से अंग्रेज़ी में सवाल पूछ लिया। छात्रा की भाषा सुनकर मंत्रीजी ने मुस्कराते हुए कान पकड़ लिए और हाथ जोड़ते हुए विनम्रता से अनुरोध किया—“कृपया हिंदी में प्रश्न पूछें।”
छात्रा दामिनी हाड़ा ने तुरंत स्थिति को संभालते हुए हिंदी में कहा कि, वह छात्रों की समस्याएं सामने रखने आई हैं। उसने बताया कि सक्षम अभिभावक तो अपने बच्चों को निजी स्कूलों में भेज देते हैं, लेकिन गरीब बच्चों को सरकारी स्कूलों में कई बार बुनियादी सुविधाओं की कमी से जूझना पड़ता है।
छात्रा ने सीधा सवाल किया
सरकारी स्कूलों में बच्चों के भविष्य को बेहतर बनाने के लिए सरकार की क्या योजनाएं हैं?
शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने इसका जवाब देते हुए कहा कि
आज के सरकारी स्कूल किसी भी मायने में निजी स्कूलों से पीछे नहीं हैं। यहां भी ट्रेंड शिक्षक हैं और मजबूत आधारभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा रही हैं। सरकारी स्कूलों के नतीजे भी शानदार आ रहे हैं। निजी स्कूलों में केवल चमक-दमक और मोटी फीस है, जबकि सरकारी स्कूलों में नि:शुल्क शिक्षा, पुस्तकें और गुणवत्ता मिल रही है। निजी स्कूलों को लेकर एक प्रकार का फोबिया बन गया है, जिसे दूर करने की आवश्यकता है।