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केंद्रीय मंत्री गृह मंत्री अमित शाह का कहना है कि इस बार राजस्थान में बीजेपी की कम सीट आएंगी। बीजेपी सभी 25 सीटों पर जीत दर्ज नहीं कर पाएगी। ऐसे में अमित शाह के बयान के बाद रिजल्ट से पहले ही अंदरखाने विरोधी धड़ा सक्रिय हो गया है।
सीएम भजनलाल शर्मा को लेकर भी कहा जा रहा है कि लोकसभा चुनाव परिणाम तय करेगा कि उनकी सीएम की कुर्सी रहेगी या जाएगी। शायद इसलिए भजनलाल शर्मा ने लोकसभा चुनाव में किसी भी नेता से ज्यादा ताकत झोंकी है। इतना ही नहीं वह अब राजस्थान के बाहर भी बीजेपी के कैंपेन में लगे हुए हैं। हालांकि, पीएम नरेंद्र मोदी ने भजनलाल शर्मा के काम की तारीफ पहले ही कर चुके हैं। दूसरी तरफ कैबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने दौसा लोकसभा सीट हारने पर मंत्री पद से त्यागपत्र देने की घोषणा कर सीएम भजनलाल शर्मा की मुश्किलें बढ़ा दी है। किरोड़ी समर्थक दौसा से बीजेपी प्रत्याशी कन्हैया लाल मीणा ने यह कहकर हलचल मचा दी है कि सीएम तो किरोड़ी लाल को ही बनना चाहिए। सियासी जानकार बयान के अलग-अलग मायने निकाल रहे है।
हालांकि, सियासी जानकारों का कहना है कि 4 जून को लोकसभा चुनाव की मतगणना के बाद ही सियासी तस्वीर साफ हो पाएगी। सियासी जानकारों का कहना है कि कांग्रेस 7-8 सीटें जीत लेती है तो सीएम भजनलाल का सिरदर्द बढ़ सकता है। कांग्रेस इस बार आधा दर्जन से ज्यादा सीटों पर मजबूत दिखाई दे रही है। ऐसे में सीएम का विरोधी धड़ा सक्रिय हो जाएगा। वसुंधरा कैंप के नेता नेतृत्व परिवर्तन की मांग कर सकते है।