RASHTRA DEEP NEWS
केंद्रीय संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने बीते शनिवार ट्वीट कर बताया है कि इस बार मानसून सत्र आगामी 20 जुलाई से शुरू होकर 11 अगस्त तक चलेगा। उन्होंने लिखा है कि 23 दिन तक चलने वाले इस सत्र में कुल 17 बैठकें होंगी। इसके साथ ही उन्होंने राजनीतिक दलों से सत्र के दौरान संसदीय कार्य में रचनात्मक रूप से सहयोग करने की अपील की है। उन्होंने लिखा, मैं सभी पार्टियों से सत्र के दौरान संसद के विधायी और अन्य कामकाज में रचनात्मक योगदान देने की अपील करता हूं।
इसके साथ ही कयास लगने शुरू हो गए हैं कि क्या मोदी सरकार इस सत्र में ही समान नागरिक संहिता विधेयक पेश कर सकती है। और अगर वह ऐसा करती है तो क्या उसके पास इसे पास कराने की क्षमता है। कुछ बीजेपी नेता दावा कर रहे हैं कि इस विधेयक को इसी सत्र में पास कराया जा सकता है.हालांकि, इसे लेकर किसी तरह की आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है।
क्या बीजेपी के पास है बिल पास कराने की क्षमता?
लोकसभा में बीजेपी को दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ेगा क्योंकि वहां उसे बहुमत हासिल है। लोकसभा की कुल 543 सीटों में से बीजेपी के पास 301 सीटें हैं। लेकिन राज्यसभा में उसके सामने दिक्कतें आ सकती हैं। सीटों की संख्या को देखें तो राज्य सभा में 245 में से आठ सीटें फिलहाल खाली हैं।
सदन में इस वक़्त 237 सदस्य हैं तो बहुमत के लिए 119 वोट चाहिए होंगे। बीजेपी के सदन में कुल 92 सदस्य हैं, सहयोगी पार्टियों को जोड़ दें तो एनडीए के पास 109 सदस्य हैं.बीजेडी और वाईएसआर कांग्रेस जिन्होंने अभी तक इस बिल पर अपने पत्ते नहीं खोले हैं, उनके पास 9-9 सदस्य हैं। अगर ये दोनों पार्टियां बिल के पक्ष में आ जाती हैं तो बीजेपी को बहुमत मिल जाएगा। अगर इनमें से एक भी विरोध में रहती है तो बीजेपी के लिए एक वोट कम पड़ जाएगा। यहां आम आदमी पार्टी की भूमिका अहम हो सकती है.लेकिन सवाल ये उठता है कि क्या चुनावी माहौल में ये पार्टियां बीजेपी के समर्थन में आएंगी?