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यह मामला अजमेर का है। जहां हाड़ीरानी बटालियन अजमेर में तैनात महिला कांस्टेबल अजमेर से जयपुर ट्रांसफर करवाना चाहती थी। जिसके चलते। हाड़ीरानी महिला बटालियन कॉन्स्टेबल मुकेश चौधरी और उसके साथी दरगाह थाने में तैनात सिपाही नेमीचन्द ने उसे ट्रांसफर कराने का झांसा दिया और साल भर तक टालते रहे। अंत में महिला कॉन्स्टेबल ने दोनों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करवाई।
महिला कॉन्स्टेबल तारामणि ने बताया कि, वह काफी समय से हाड़ीरानी बटालियन अजमेर में तैनात है। वह लम्बे समय से जयपुर ट्रांसफर कराने के लिए प्रयास कर रही थी। इस दौरान उसकी मुलाकात बटालियन में ही तैनात कॉन्स्टेबल मुकेश चौधरी और दरगाह थाने के कॉन्स्टेबल नेमीचंद से हुई। दोनों ने उसे ट्रांसफर कराने का झांसा दिया। इसके बदले में 16 लाख की रकम मांगी।दोनों ने इस दौरान बड़े अधिकारियों से पहचान होने का हवाला भी दिया था। लेकिन, कई महीनों तक रुपए लेने के बाद भी ट्रांसफर नहीं करवाया तो तारामणि को शक हुआ। उसने रुपए लौटाने के लिए कहा तो दोनों मुकर गए और ट्रांसफर कराने की बात कहने लगे। इसके बाद तारामणि ने मामला दर्ज करवाया। रिपोर्ट में बताया कि करीब 6 लाख रुपए दोनों कॉन्स्टेबल को नकद दिए थे और बाकी की राशि करीब 10 लाख रुपए इनके खातों में जमा करवाई थी।
सोमवार 25 नवम्बर को गिरफ्तार कर दोनों को कोर्ट में पेश किया गया था। वहां से 1 दिन की रिमांड पर लिया और पूछताछ की थी। इसमें दोनों ने रकम लेना कबूल किया था। जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया है। दोनों से रकम बरामदगी नहीं हुई है।